
न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से इन आंकड़ों की सटीकता और इस वृद्धि के कारणों पर स्पष्टीकरण मांगा। न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त किया कि इतनी बड़ी मात्रा में भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में कैसे दर्ज किया गया और क्या इस प्रक्रिया में उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। पीठ ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
उच्चतम न्यायालय ने सरकार को इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें वक्फ भूमि में इस असाधारण वृद्धि के संबंध में सभी प्रासंगिक जानकारी और दस्तावेज शामिल हों। न्यायालय ने जोर देकर कहा कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और उनके उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है, और इस मामले में किसी भी प्रकार की अनियमितता को गंभीरता से लिया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई कुछ हफ्तों बाद निर्धारित की गई है।