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विदेशी निवेशकों ने अप्रैल की शुरुआत में निकाले ₹10,355 करोड़, शेयर बाजार में दिखा असर
नई दिल्ली: देश के इक्विटी बाजार से विदेशी निवेशकों ने अप्रैल के पहले चार कारोबारी दिनों में ₹10,355 करोड़ की भारी निकासी की है।
यह निकासी अमेरिका द्वारा कई देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, पर लगाए गए व्यापक टैरिफ के चलते हुई है।
- अप्रैल 1 से 4 के बीच हुए इस निवेश निकासी ने बाजार को झटका दिया है।
- मार्च के अंत में जहां ₹30,927 करोड़ का निवेश हुआ था, वहीं अप्रैल की शुरुआत में भारी गिरावट देखी गई।
- मार्च महीने में कुल मिलाकर ₹3,973 करोड़ का शुद्ध निकासी दर्ज की गई।
- फरवरी में एफपीआई ने ₹34,574 करोड़ बाजार से निकाले थे।
- जनवरी में यह आंकड़ा ₹78,027 करोड़ था।
- इन आंकड़ों से विदेशी निवेशकों के रुझान में उतार-चढ़ाव स्पष्ट है।
- अमेरिकी टैरिफ नीतियों से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है।
- इससे निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है।
- विश्लेषकों का कहना है कि यह ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है।
- निवेशक अब भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर नजर रखे हुए हैं।
- संभावित ब्याज दर कटौती से बाजार को सहारा मिल सकता है।
- बीडीओ इंडिया के मनोज पुरोहित ने निवेश रणनीतियों में बदलाव की संभावना जताई है।
- 2025 की शुरुआत से अब तक कुल ₹1.27 लाख करोड़ की एफपीआई निकासी हो चुकी है।
- यह आंकड़ा निवेशकों की अस्थिरता और चिंता को दर्शाता है।
- बाजार में अस्थिरता के चलते घरेलू निवेशकों की भूमिका अहम हो गई है।
- डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों का भी असर बाजार पर पड़ा है।
- अमेरिका-चीन व्यापार तनाव से भी वैश्विक रुझानों पर असर पड़ रहा है।
- एफपीआई की नजर अब आने वाली आर्थिक घोषणाओं पर टिकी है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहना चाहिए।
- बाजार की चाल आगामी सरकारी निर्णयों और वैश्विक संकेतों पर निर्भर करेगी।
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