बरदेही गांव की घटना ने सुरक्षा और मानसिक जागरूकता पर गंभीर चिंतन खड़ा किया
दुमका जिले में हुई यह घटना केवल एक डरावनी खबर नहीं है। यह समाज के सामने कई प्रश्न खड़े करती है। चार-चार मौतें एक साथ, वह भी परिवार की, अपने-आप में दुखद और विचारणीय हैं। क्या यह अपराध की परिणति है या मन:संकट का परिणाम? यह उत्तर जांच के बाद ही मिलेगा।
महिला और बच्चों के गले में रस्सी मिली। पति खेत में मृत पड़ा था। यह स्थिति किसी सामान्य घटना की ओर इशारा नहीं करती। यदि यह आत्महत्या है तो कारण जानना जरूरी है। यदि हत्या है तो जिम्मेदार कौन? गांव के लोग आज भी सदमे में हैं। ऐसी घटनाएँ चेतावनी हैं कि समाज में संवाद और संवेदनशीलता की कमी खतरनाक बनती जा रही है।
पुलिस जांच में जुटी है। उम्मीद है कि जल्द सच सामने आएगा। प्रशासन और समाज दोनों को इस घटना से सीख लेने की जरूरत है। मानसिक सहयोग, पारिवारिक सहयोग और सामाजिक सुरक्षा सबसे बड़ी मांग है। अन्यथा ऐसी घटनाएँ दोहराई जाती रहेंगी।



