
भूपेश बघेल के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, बेटे पर शराब घोटाले में आरोप
यपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के ठिकानों पर छापेमारी की।
यह कार्रवाई उनके बेटे के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है।
घटना के मुख्य बिंदु
ईडी ने भूपेश बघेल के रायपुर स्थित आवास पर छापेमारी की।
जांच एजेंसी ने उनके बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई (दुर्ग जिला) स्थित आवास पर भी छापा मारा।
चैतन्य बघेल के एक कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई।
यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत की गई।
चैतन्य बघेल अपने पिता भूपेश बघेल के साथ भिलाई स्थित आवास में रहते हैं, इसलिए उस स्थान को भी जांच में शामिल किया गया।
ईडी को संदेह है कि चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले में “अपराध की आय” का लाभार्थी माना गया है।
इस मामले में कुल 14-15 ठिकानों पर छापेमारी की गई।
ईडी के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों में एक साथ कार्रवाई को अंजाम दिया।
शराब घोटाले के मामले में चैतन्य बघेल की संलिप्तता को लेकर कई आरोप लगे हैं।
जांच एजेंसी ने संबंधित दस्तावेजों और डिजिटल डेटा को भी कब्जे में लिया है।
ईडी ने इस मामले में पहले भी कई लोगों से पूछताछ की थी।
भूपेश बघेल ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
बघेल ने कहा कि यह कार्रवाई आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई है।
कांग्रेस नेताओं ने ईडी की इस कार्रवाई की आलोचना की है।
बीजेपी ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
शराब घोटाले का यह मामला छत्तीसगढ़ में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है।
ईडी ने पहले भी छत्तीसगढ़ में कई जगह छापेमारी की थी।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
इस मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
ईडी के अनुसार, जांच अभी जारी है और अन्य संदिग्धों पर भी नजर रखी जा रही है।