
तमिलनाडु में POCSO पीड़िता के लिए पहली बार जारी हुआ सुरक्षा आदेश.
चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस) पीड़िता के लिए भारत का पहला सुरक्षा आदेश जारी किया है।
इस आदेश के तहत आरोपी को पीड़िता से किसी भी तरह का संपर्क करने से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
यह आदेश अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।
तमिलनाडु ने POCSO पीड़िता के लिए देश का पहला सुरक्षा आदेश जारी किया।
इस आदेश के तहत आरोपी को पीड़िता से किसी भी प्रकार का संपर्क करने से रोका गया है।
आरोपी पीड़िता को कॉल, मैसेज, सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से संपर्क नहीं कर सकता।
तमिलनाडु सरकार ने इसे पीड़ित बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम बताया।
आदेश का उल्लंघन करने पर आरोपी को कड़ी सजा दी जाएगी।
यह आदेश POCSO कानून के तहत सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए लागू किया गया।
यह फैसला बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने में सहायक होगा।
अदालत ने इस आदेश को पीड़ितों के मनोवैज्ञानिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया।
POCSO कानून के तहत यह कदम अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बनेगा।
सरकार ने कहा कि यह आदेश भविष्य में अन्य मामलों में भी लागू किया जा सकता है।
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले की सराहना की।
तमिलनाडु सरकार ने इसे पीड़ितों के पुनर्वास का अहम हिस्सा बताया।
इस आदेश से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को मानसिक शांति मिलेगी।
सरकार ने कहा कि वह भविष्य में इस तरह के और भी सुरक्षा उपाय लागू करेगी।
POCSO मामलों में न्याय प्रक्रिया को और मजबूत करने पर जोर दिया गया।
इस आदेश से बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
तमिलनाडु देश का पहला राज्य बना जिसने इस तरह का सुरक्षा आदेश जारी किया।
मामले की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए सरकार ने कड़े निर्देश दिए हैं।
आरोपी के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।