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भाई के सपने को पूरा कर रहे बठिंडा के बलवंत सिंह, लकड़ी की मूर्तियों से दी भाई को श्रद्धांजलि

बठिंडा के बलवंत सिंह ने अपने भाई हरबंस सिंह की यादों को अनोखे अंदाज में संजोया है।

हरबंस सिंह को लकड़ी की मूर्तियां बनाना और पंजाबी संस्कृति को दर्शाना बेहद पसंद था।

हरबंस सिंह एक छोटे लकड़ी के कुएं का निर्माण कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान उनका निधन हो गया।

अपने भाई के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए बलवंत सिंह ने उस लकड़ी के कुएं का निर्माण पूरा किया।

बलवंत सिंह पेशे से एक कुशल लकड़ी कारीगर हैं और उन्होंने अपने हुनर को भाई से ही सीखा है।

बलवंत सिंह का कहना है कि उन्हें लकड़ी की मूर्तियां बनाने का शौक अपने भाई हरबंस सिंह से मिला था।

अपने भाई की याद में बलवंत सिंह ने कई प्रसिद्ध हस्तियों की मूर्तियां तैयार की हैं।

इनमें बाबा फरीद, बाबा भीमराव आंबेडकर, गुरदास मान, सोनू सूद और सिद्धू मूसेवाला की मूर्तियां शामिल हैं।

बलवंत सिंह का यह अनोखा प्रयास भाईचारे और प्रेम की मिसाल पेश करता है।

उनकी बनाई मूर्तियां स्थानीय लोगों और पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।

बलवंत सिंह का मानना है कि उनके भाई की आत्मा उनके इस काम से खुश होती होगी।

वे अपनी कलाकृतियों के जरिए पंजाब की समृद्ध संस्कृति को भी जीवंत कर रहे हैं।

बलवंत सिंह का यह जज़्बा समाज में प्रेम और समर्पण का संदेश देता है।

उन्होंने कहा कि अपने भाई के सपनों को पूरा करना उनके लिए गर्व की बात है।

बलवंत सिंह का कार्य युवाओं को अपने परिजनों की यादों को संजोने की प्रेरणा देता है।

स्थानीय लोग बलवंत सिंह की कला की सराहना कर रहे हैं।

हरबंस सिंह का अधूरा सपना अब बलवंत सिंह के हाथों पूरा हो चुका है।

बलवंत सिंह की कला पंजाब के पारंपरिक जीवन और संस्कृति का शानदार उदाहरण है।

उनकी मेहनत और समर्पण की कहानी लोगों के दिलों को छू रही है।

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