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‘ग्लोबल साउथ को आवाज दिए बिना प्रगति संभव नहीं’.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ग्लोबल साउथ को आवाज दिए बिना प्रगति संभव नहीं है।

यह बयान वैश्विक मंच पर विकासशील देशों की बढ़ती भूमिका और उनके महत्व को रेखांकित करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी विश्व व्यवस्था तेजी से बदल रही है। प्रौद्योगिकी में क्रांति, ग्लोबल साउथ का उदय और बदलती जनसांख्यिकी इसकी गति और पैमाने में योगदान कर रहे हैं।” मोदी घाना की संसद के ऐसे विशेष सत्र को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने हैं। यह सम्मान भारत और घाना के बीच गहरे होते संबंधों को दर्शाता है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत और घाना के बीच के ऐतिहासिक संबंधों पर भी प्रकाश डाला, जो स्वतंत्रता के लिए साझा संघर्षों और लोकतंत्र तथा समावेशी विकास के प्रति सामान्य प्रतिबद्धता से मजबूत हुए हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और वैश्विक चुनौतियों का मिलकर सामना करने पर जोर दिया।

 

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