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झारखंड हाईकोर्ट ने नीरज सिंह केस पर पुनः विचार शुरू किया.

बरी किए गए पूर्व विधायक संजीव सिंह पर फिर से कानूनी दबाव बढ़ा.

नीरज सिंह हत्याकांड झारखंड की राजनीति में लंबे समय तक चर्चा में रहा है। इस मामले में निचली अदालत ने साक्ष्य की कमी बताते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। लेकिन अभिषेक सिंह ने इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दाखिल की। गुरुवार को इस अपील पर सुनवाई हुई। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस भेजा।

न्यायाधीश जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने कहा कि मामले के कई बिंदुओं पर पुनर्विचार आवश्यक है। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि निचली अदालत ने कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया। वहीं प्रतिवादी पक्ष का कहना है कि निर्णय पूरी तरह साक्ष्यों के आधार पर हुआ था। संजीव सिंह की बरी होने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हुई थी। अब हाईकोर्ट की कार्रवाई से मामला फिर महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है।

2017 में हुई यह हत्या शहर में बड़ी वारदात मानी गई थी। इसके बाद सात से आठ वर्षों तक केस अदालत में चलता रहा। संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मामला नए दौर में प्रवेश कर चुका था। अब इस अपील के साथ केस फिर से कानूनी दायरे में विस्तारित होगा। आगे क्या होगा, यह आने वाली सुनवाई तय करेगी। इस पर राज्यभर की निगाहें टिकी हैं।

 

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