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झारखंड का नक्सली संगठन TSPC अब पूरी तरह कमजोर पड़ा.

रांची, झारखंड: झारखंड में कभी भयभीत करने वाला नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों के कारण विनाश की कगार पर पहुँच गया है।

संगठन के अधिकांश कमांडर या तो मारे जा चुके हैं या सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं। एक समय था जब इस संगठन में 200 के करीब कैडर थे, लेकिन अब यह अपने अंतिम चरण में है।

सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई के चलते टीएसपीसी अब सिर्फ एक अकेले कमांडर शशिकांत गंजू के सहारे सक्रिय है। पिछले एक महीने में शशिकांत के दस्ते के कई कमांडर मुठभेड़ों में ढेर कर दिए गए हैं या उन्हें पकड़ लिया गया है। पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने पुष्टि की है कि टीएसपीसी के खिलाफ तलाशी अभियान जारी है और फिलहाल शशिकांत ही दस्ते का इकलौता बचा हुआ कमांडर है। टीएसपीसी के कुछ प्रमुख कमांडरों ने हाल ही में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण भी किया है, जो संगठन के कमजोर होने का संकेत है।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पलामू-चतरा सीमा इलाके में कभी टीएसपीसी का सबसे बड़ा दस्ता सक्रिय था, लेकिन अब पूरे क्षेत्र में शशिकांत ही इकलौता बचा हुआ बड़ा कमांडर है। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, और टीएसपीसी का यह पतन इस लक्ष्य की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस ने दावा किया है कि वह जल्द ही बचे हुए कमांडर को भी पकड़कर इलाके को नक्सल मुक्त कर देगी।

 

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