
उन्होंने कहा कि इससे तमिलनाडु की संसदीय सीटों की संख्या घट सकती है।
मुख्य बिंदु:
- DMK प्रमुख एम.के. स्टालिन ने परिसीमन के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया।
- तमिलनाडु की लोकसभा सीटों की संख्या 39 है, जो घट सकती है।
- भारत सरकार 2026 में लोकसभा सीटों का परिसीमन करने वाली है।
- स्टालिन ने दक्षिणी राज्यों के सांसदों का संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) बनाने का सुझाव दिया।
- परिसीमन से दक्षिण भारत की आवाज कमजोर हो सकती है।
- तमिलनाडु ने जनसंख्या नियंत्रण में बड़ी सफलता हासिल की है।
- परिसीमन की वजह से तमिलनाडु को 8 सीटों का नुकसान हो सकता है।
- अगर सीटें 543 से बढ़ाकर 848 की जाती हैं, तो तमिलनाडु को 22 नई सीटें मिलनी चाहिए।
- जनसंख्या-आधारित परिसीमन से केवल 10 सीटें ही मिलेंगी, जिससे राज्य को नुकसान होगा।
- CM स्टालिन ने कहा कि यह तमिलनाडु की राजनीतिक आवाज दबाने जैसा होगा।
- उन्होंने सभी दलों से इस प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की।
- 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वादा किया था कि 1971 की जनगणना को ही आधार बनाया जाएगा।
- स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 1971 की जनगणना को अगले 30 वर्षों तक आधार बनाए रखने की मांग की।
- परिसीमन जनसंख्या नियंत्रण में आगे रहे राज्यों के खिलाफ अन्याय होगा।
- सर्वदलीय बैठक में DMK के अलावा अन्य दलों ने भी भाग लिया।
- स्टालिन ने कहा कि यह “दक्षिण भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण लड़ाई” होगी।
- परिसीमन से उत्तर भारत को फायदा और दक्षिण भारत को नुकसान होने की आशंका।
- जनसंख्या वृद्धि वाले राज्यों को ज्यादा सीटें मिलने से असंतुलन बढ़ सकता है।
- DMK ने इसे तमिलनाडु के हितों के खिलाफ बताया।
- सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया का अभी इंतजार है।