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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हौसले की मिसाल: अस्पताल के बिस्तर से दी बोर्ड परीक्षा.
हुगली (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल के चंदननगर की रहने वाली सुजाली पात्रा ने अपनी बीमारी को पीछे छोड़ते हुए अस्पताल के बिस्तर से ही बोर्ड परीक्षा दी।
सुजाली को साल 2023 में ओवेरियन कैंसर होने का पता चला था और तब से वह कीमोथेरेपी का इलाज ले रही हैं।
प्रमुख बातें
- सुजाली पात्रा को पिछले साल ओवेरियन कैंसर होने का पता चला था।
- बीमारी के बावजूद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और परीक्षा देने का संकल्प लिया।
- अस्पताल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था कर सुजाली को अस्पताल के बिस्तर से परीक्षा देने की अनुमति दी।
- सुजाली की मेहनत और लगन को देखते हुए परीक्षा बोर्ड ने भी उनकी हिम्मत को सराहा।
- सुजाली के परिवार ने उनकी जिजीविषा और समर्पण को अद्भुत बताया।
सुजाली का सपना
- सुजाली भविष्य में शिक्षक बनना चाहती हैं।
- उनकी मां ने बताया कि सुजाली हमेशा पढ़ाई में अव्वल रही है और अपनी मेहनत से दूसरों के लिए प्रेरणा बनना चाहती हैं।
- कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बावजूद सुजाली ने अपने लक्ष्य को लेकर कभी हार नहीं मानी।
- सुजाली के शिक्षकों और मित्रों ने उनके जज़्बे को सलाम किया है।
- डॉक्टरों का कहना है कि सुजाली की सकारात्मक सोच उनकी सेहत में सुधार लाने में मदद कर रही है।
समाज का समर्थन
- सुजाली की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
- कई संगठनों ने उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सहायता का आश्वासन दिया है।
- स्थानीय प्रशासन ने भी सुजाली की हिम्मत की तारीफ की है।
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सुजाली का संघर्ष और साहस मिसाल बन गया है।
- उनके संघर्ष ने समाज को यह संदेश दिया है कि मजबूत इच्छाशक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।